Vomiting : Causes, Treatment in Hindi | उल्टी , जी मिचलाना के कारण और इलाज

Vomiting – Causes & Treatment in Hindi, उल्टी जिसे आम बोल चाल के भाषा में कई नामों से जानते हैं जैसे की – जी मचलाना, मतली और वमन इत्यादि | जब कभी कोई अनावश्यक पदार्थ पेट में अधिक एकत्रित हो जाता है तो उस अनावश्यक पदार्थ को निकालने के लिए पेट स्वतः प्रतिक्रिया करती है जिससे पेट में एकत्रित चीजे उल्टी के द्वारा बाहर निकल जाता है ।

शरीर के आमाशय के अन्दर से विजातीय व विषाकत पदार्थों को बलपूर्वक शरीर के बाहर निकालने की शारीरिक प्रक्रिया को उल्टी होना कहते हैं इस दौरान व्यक्ति काफी असहज महसूस करने लगता हैं | यह प्रक्रिया एक या एक से अधिक बार repeat हो सकती हैं ।


Vomiting Causes & Treatment in Hindi

वैसे तो Vomiting शरीर की स्वतः और सामान्य प्रक्रिया हैं लेकिन जरूरत से ज्यादा उल्टी की समस्या होने पर हमे एहतियात बरतने की जरुरत होती हैं क्यूंकि अधिक उल्टी होने से रोगी के शरीर में पानी की कमी होने के साथ अधिक कमजोरी हो जाती है। अतः हम यहाँ पर Vomiting के कारण और उससे जुड़े कुछ कारगर घरेलू उपाय के बारे में जानेगे ।

Vomiting Causes in Hindi | उल्टी होने के कारण

Vomiting उल्टी या मतली की मुख्य वजह पेट में गड़बड़ी के कारण, चयापचय (metabolism) में असंतुलन, केंद्रीय स्नायु तंत्र (central nervous system) में गड़बड़ी इत्यादि हैं लेकिन इसके अलावा भी Vomiting के कई reason हो सकते है
i) जरूरत से ज्यादा खा लेने से (Over Dieting), यानि की भूख से ज्यादा खा लेने से अपच, गैस्ट्रिक जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं जिसकी वजह से vomiting आ सकती हैं
ii) किसी भी चीज के प्रति ज्यादा सवेदनशील रहना, किसी खास तरह की चीजों से ऐलर्जी होना, महक और दुर्गन्ध बर्दाश्त नहीं कर पाना इत्यादि
iii) गर्भवास्था में शुरू के कुछ महीनो में जी घबराना और उलटी होना सामान्य से बात है। यह हार्मोन परिवर्तन के कारण होता है।
iv) पित्ताशय में पथरी होने के कारण पाचन तंत्र पर असर पड़ता है। इसके कारण जी घबराना या उलटी होने की परेशानी हो सकती है।
v) बस या कार में सफर करने से अथवा ज्यादा टेढ़े-मेढ़े राश्ते में सफर करने से उल्टी की समस्या हो सकती है
vi) रक्त में कैल्शियम बढ़ने से , ब्लड शुगर कम या ज्यादा होने से , रक्त में पोटेशियम बढ़ने से आदि कारणों से जी घबराने या उलटी होने की समस्या हो सकती है।
vii) किसी दवा के साइड इफ़ेक्ट की वजह से जी घबराने और उलटी होने की परेशानी हो सकती है।
viii) ज्यादा शराब के सेवन से ( हैंगओवर होना)
ix) सिर सम्बंधित परेशानियां जैसे माइग्रेन , सिर में लगी चोट , ब्रेन स्ट्रोक , ब्रेन ट्यूमर आदि के कारण भी उलटी हो सकती है।

Vomiting treatment and solution in Hindi | उल्टी रोकने के घरेलू उपाय

How to stop vomiting in hindi, (उल्टी को कैसे रोका जाये) हम आपको इसके कुछ बेहतरीन घरेलू नुस्खे बताने जा रहे हैं। ……..
i) पानी को उबालकर उसे ठंडा करके इसमें नींबू निचोड़कर रोगी को पिलाना चाहिए।
ii) नींबू को काटकर उसके ऊपर थोड़ी सी कालीमिर्च और सेंधानमक का चूर्ण चूसने के लिए रोगी को दें।
iii) मौसमी का रस निकालकर इसमें 1 चुटकी सेंधानमक मिला लें। यह रस थोड़ी-थोड़ी देर बाद 1-1 चम्मच रोगी को पिलाते रहें।
iv) गर्भावस्था के दौरान उल्टी होने पर सूखा आलूबुखारा चूसना चाहिए।
v) कपूर, नौसादर और अफीम बराबर की मात्रा में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर शहद के साथ 1-1 गोली दिन में 3 से 4 बार पानी के साथ रोगी को खिलाने से उल्टी रोग में आराम मिलता है।
vi) तुलसी के पत्ते का रस पीने से उल्टी बंद होती है। इससे पेट के कीड़े भी मर जाते हैं। शहद और तुलसी का रस मिलाकर चाटने से जी-मिचलाना और उल्टी ठीक होती है।
vii) अगर उल्टी बंद न हो रही हो तो 2 लौंग और थोड़ी-सी दालचीनी लेकर एक कप पानी में डालकर उबाल लें और जब पानी आधा कप बाकी रह जाए तो छानकर रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी का बार-बार आना बंद हो जाता है।
viii) अमृतधारा 2 बूंद बताशे में डालकर पानी के साथ खिलाने से उल्टी रोग ठीक होता है। अधिक उल्टी के लक्षणों में कई बार अमृतधारा का सेवन कराना चाहिए।
ix) उल्टी होने पर सुखा या हरा धनिया कूटकर पानी में डालकर फिर निचोड़कर 5 चम्मच रस निकाल लें। यह रस बार-बार रोगी को पिलाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है। इस प्रयोग से गर्भवती की उल्टी भी बंद होती है।
x) एक चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच प्याज का रस और एक चम्मच पानी को मिलाकर पीने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।
xi) आलूबुखारे को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर और इसमें कालीमिर्च, जीरा, सोंठ, कालानमक, सेंधानमक, धनिया व अजवायन बराबर मात्रा में मिलाकर चटनी की तरह बनाकर खाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।
xii) नींबू को काटकर इसमें इलायची का चूर्ण भककर चूसने से उल्टी में आराम मिलता है। उल्टी होने पर नींबू को गर्म करके सेवन नहीं करना चाहिए।
xiii) गर्भावस्था उल्टी होने पर 50 ग्राम चावल को 250 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। आधे घंटे के बाद इसमें 5 ग्राम सुखा धनिया डालकर 10 मिनट बाद इसे मिलाकर छान लें। इस सारे पानी को पूरे दिन में 4 बार गर्भवती स्त्री को पिलाने से उल्टी बंद होती है।
xiv) कब्ज या अपच के कारण यदि उल्टी आती हो तो 10 ग्राम जायफल के चूर्ण को 1 किलो पानी में उबालकर थोड़ा-थोड़ा पानी रोगी को पिलाएं। यह उल्टी व कब्ज को दूर करता है।
xv) 4 पोदीने के पत्ते और 2 आम के पत्ते को एक कप पानी में डालकर उबालें और जब पानी आधा कप बाकी रह जाए तो उस पानी में मिश्री डालकर काढ़े की तरह पीने से उल्टी के रोग में लाभकारी होता है।

Precaution or first aid for Vomiting in Hindi | उल्टी होने पर जरुरी सावधानी और प्राथमिक चिकित्सा

सामान्य स्थितियों में जी मिचलाने या और उल्टी होने पर ये ध्यान रखें :
i) जी घबरा रहा हो तो उल्टी होने से रोकने के लिए लेट जाएँ आराम करें , इससे जी घबराना कम होता है।
ii) उल्टी होने के बाद साफ पानी में थोड़ा नमक मिलाकर अच्छे से कुल्ला कर लें। आराम करें।
iii) बार बार उल्टी हो तो पानी की शरीर में कमी ना हो इसका इसका ध्यान रखें , लगातार थोड़ी थोड़ी मात्रा मात्रा में पानी पीते रहें।
iv) खाना खाने के बाद जी घबराता है तो एक बार में ज्यादा खाने से बचें। इसके बजाय कम भोजन ज्यादा बार लेना फायदेमंद होता है। शांति के साथ धीरे धीरे खाएं। गरिष्ठ भोजन से बचें, तले हुए , तेज मिर्च मसाले वाली चीजें ना खाएं।
v) हल्का खाना जैसे दलिया खिचड़ी लें। भोजन के साथ पानी ना लें।
vi) खाने खाने के तुरंत बाद शारीरिक मेहनत वाला काम ना करें।

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